नाम तेरा गुमनाम न हो जाये.....

,,, *गुमनाम न हो जाये* ,,,

*ढलते पल से कभी न छुपना,*
*विपदाओं में कैसा झुकना,*
*पंख खुले बिन उड़े न रुकना*
*समय झुकेगा,तुम न झुकना,*
*तू सूरज है तेरे घर में शाम न हो जाये,*
*देख पपीहे नाम तेरा,,गुमनाम न हो जाये...*

*तितर-वितर हो घर चौबारा,*
*कोई भी न बने सहारा,*
*फिर भी माथा झुके न तेरा,*
*उज्ज्वल हो परिदृश्य तुम्हारा,,*
*सुलभ हो लेकिन सस्ता तेरा दाम न हो जाये,*
*देख पपीहे नाम तेरा,,गुमानाम न हो जाये......*

*जीवित तेरा संसार रहे,*
*भू से नभ तक विस्तार रहे,*
*तू रहे न रहे सृष्टि में,*
*तेरी यादों का आधार रहे..*
*नित नयी उड़ानों का चक्का कहीं जाम न हो जाये,*
*देख पपीहे नाम तेरा,,गुमनाम न हो जाये......*

*जग तारक सदा कृतित्व रहे,*
*जग उद्धारक व्यक्तित्व रहे,,*
*दुनिया हो जाये इधर-उधर,*
*पर बना तेरा अस्तित्व रहे,,*
*हर समय ध्यान रखना,,परचम बदनाम न हो जाये,*
*देख पपीहे नाम तेरा,,गुमनाम न हो जाये....*

              *कवि सिद्धार्थ अर्जुन*
               *9792016971*

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