सैनिक से बड़ा देवता नहीं..

🍁🌲💂💂💂💂
,,, *सैनिक से बड़ा देवता नहीं* ,,,,
🍁💂💂
*ईमान धरोहर है जिनकी*
*है शौर्य बना जिनका गहना*
*है फ़र्ज समाया रग रग में*
*उन वीर पुरुष का क्या कहना,,,*
*हम सब पर जो एहसान किये*
*हम सकते उनको जता नहीं,,*
*बस इतना ही कह सकते हैं*
*सैनिक से बड़ा देवता नहीं,,,,,,,,,,,,*
🍁💂💂💂💂💂
*निज राष्ट्र के मुखरित अस्त्र हैं वो*
*ज्वाला से धधकते शस्त्र हैं वो*
*हैं आन बान हम सबकी और*
*भारत माता के वस्त्र हैं वो,,,,,,,*
*कर्तव्यविमुख न हुए कभी*
*कर सकते कोई ख़ता नहीं,,,*
*बस इतना ही कह सकते हैं*
*सैनिक से बड़ा देवता नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,*
🍁💂💂💂💂💂💂
*माँ बाप को अपने छोड़ दिया*
*हर प्रेमपात्र को फोड़ दिया*
*भारत माँ पर क़ुर्बान हुए*
*हर रिश्ता नाता तोड़ दिया,,,,*
*उनके बलिदान की महिमा को*
*शब्दों में सकते बता नहीं*
*बस इतना ही कह सकते हैं*
*सैनिक से बड़ा देवता नहीं,,,,,,,,,,,,,,,*
🍁💂💂💂💂💂💂💂
*दिन रात है रहता खड़ा मगर*
*न झुकने तिरंगा देता है,,,,*
*ख़ुद मर जाता है लड़ लड़ कर*
*न मरने पतंगा देता है,,,,,,,,,*
*उसके कृतित्व की गहराई को*
*हम कर सकते पता नहीं,,,*
*बस इतना ही कह सकते हैं*
*सैनिक से बड़ा देवता नहीं,,,,,,,,,,,,,,,*
🍁💂💂💂💂💂💂💂💂
*उन युगपुरुषों के चरणों में*
*कुछ अर्पित सुमन हमारे हैं,,,,,*
*तव चरनन में श्रद्धा स्वरूप*
*नतमस्तक शीश हमारे हैं,,,,*
*इनके दर्शन से ज़्यादा सुख*
*ज़न्नत कर सकती अता नहीं,,*
*बस इतना ही कह सकते हैं*
*सैनिक से बड़ा देवता नहीं,,,,,,,,,,,,,,*
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              *कवि सिद्धार्थ अर्जुन*
         *बाराबंकी,,9792016971*
     

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