हमको कौन पुकार रहा है......
खिड़की,दरवाज़ा और कुण्डी,कौन हिला इस बार रहा है,
सन्नाते की ख़ामोशी से हमको कौन पुकार रहा है..........?
किसकी प्यास अभी बाक़ी है,कौन अभी तक भूखा है,
किसको है आग़ोश की चाहत,बाँहें कौन पसार रहा है....?
कह दो अब न लौट सकूँगा, मत देखें मेरे सपने,
किसकी नज़रें नहीं थकी हैं,हमको कौन निहार रहा है..?
गहरी नींद है सोने भी दो,,,तूफ़ानो से मत खेलो,,
हमें जीतने के चक्कर में,कौन स्वयं को हार रहा है........?
कौन यहाँ किसका अपना है समझादो उसको सिद्धार्थ,
अब तो होगा मिलन वहीं पर, यहाँ फ़क़त बाज़ार रहा है.......?
खिड़की दरवाज़ा और कुण्डी,कौन हिला इस बार रहा है,,,,
ख़ामोशी के सन्नाटों से,हमको कौन पुकार रहा है..........?
सिद्धार्थ अर्जुन
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