क्योंकि मैंने दर्द सुनाना छोड़ दिया...
दिख जाते हैं कई काफ़िले साथ मेरे,
क्योंकि मैंने दर्द सुनाना छोड़ दिया....
क़ीमत मेरी अब पहले से ज़्यादा है,
क्योंकि अपना दाम लगाना छोड़ दिया...
सारे पत्थरबाज, शहर के ,नाख़ुश हैं,
क्योंकि घर से बाहर जाना छोड़ दिया...
जितने लफ्ज़ लिखे मैंने,,दिख जायेंगे,
क्योंकि लिखना,और मिटाना, छोड़ दिया...
ख़ुशियों का माहौल है,'अर्जुन' मैंने अब,
पत्थर दिल से दिल बहलाना छोड़ दिया......
सिद्धार्थ अर्जुन
क्योंकि मैंने दर्द सुनाना छोड़ दिया....
क़ीमत मेरी अब पहले से ज़्यादा है,
क्योंकि अपना दाम लगाना छोड़ दिया...
सारे पत्थरबाज, शहर के ,नाख़ुश हैं,
क्योंकि घर से बाहर जाना छोड़ दिया...
जितने लफ्ज़ लिखे मैंने,,दिख जायेंगे,
क्योंकि लिखना,और मिटाना, छोड़ दिया...
ख़ुशियों का माहौल है,'अर्जुन' मैंने अब,
पत्थर दिल से दिल बहलाना छोड़ दिया......
सिद्धार्थ अर्जुन
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